चरली, 04 अक्टूबर 2023: राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर के निर्देशानुसार ब्लॉक आहोर का किशोरी मेला राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चरली में आयोजित किया गया। इस मेले में आहोर ब्लॉक के 68 बालिकाओं ने भाग लिया।
मेले का उद्घाटन बालिका प्राची द्वारा फीता काटकर किया गया। इसके बाद मुख्य अतिथि माँगी लाल प्रजापत, विशिष्ट अतिथि प्रकाश चन्द्र चौधरी एसीबीईओ,खुमा राम सुथार उप सरपंच, नीब सिंह चारण एवं अध्यक्षता मोहन लाल राठौड़ प्राचार्य ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर मेले का विधिवत शुभारंभ किया।
मेले में बालिका शिक्षा के उन्नयन, जेण्डर संवेदनशीलता, हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं सम सामयिक गतिविधियों के परिप्रेक्ष्य में जूनियर एवं सीनियर वर्ग में विभिन्न प्रतियोगिताओं पर बालिकाओ ने पेंटिंग, मॉडल, प्रोजेक्ट आदि तैयार किए।
इन प्रतियोगिताओं में जूनियर वर्ग में 17 स्टॉल लगाए गए, जिनमें 25 बालिकाओं ने भाग लिया। सीनियर वर्ग में 10 स्टॉल लगाए गए, जिनमें 43 बालिकाओं ने भाग लिया।
दोनों ही ग्रुपों में तीन तीन जोन बनाए गए जिसमे प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहने वाले बालक बालिकाओं को पुरस्कृत किया गया।
ब्लॉक स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त सम्भागी आगामी 11 अक्टूबर को जिला स्तर पर होने वाली बालिका दिवस प्रतियोगिता मेरी बेटी मेरा सम्मान में भाग लेंगी।
निर्णायक मंडल में करणा राम, सागर कंवर, रेणु चारण व्याख्याता, मीठा लाल, पिंकी खींची, गणपत लाल वरिष्ठ अध्यापक, ममता बामणिया एवं अमृत लाल गर्ग ने निभाई।
मेले को देखने के लिए विद्यार्थियों ने काफी उत्साह दिखाया। मुख्य अतिथि द्वारा प्रतिभागियों को आशीर्वाद प्रदान किया। प्राचार्य द्वारा सभी का आभार व्यक्त करते हुए मेले का समापन किया गया।
मुख्य अतिथि ने बालिकाओं को दी शुभकामनाएं
मेले के मुख्य अतिथि माँगी लाल प्रजापत ने बालिकाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बालिकाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। उन्होंने बालिकाओं को शिक्षा के महत्व के बारे में भी बताया।
प्राचार्य मोहन लाल राठौड़ ने बताया कि यह मेले विद्यालय में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने, बालक बालिका में भेद खत्म करने, बालिकाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से बालिकाओं में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का विकास होता है।