सिवाना विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदर बगावत के स्वर मुखर हो रहे हैं। वर्तमान प्रत्याशी हमीरसिंह भायल से सिवाना की जनता नाराज है, वही भाजपा के नेताओं में भी आक्रोश है।
जनता और कार्यकर्ताओं में नाराजगी
सूत्रों के अनुसार, नवंबर के पहले सप्ताह में क्षत्रिय समाज की महापंचायत आयोजित हो सकती है। इस पंचायत में राजपूत समाज के सभी वर्गों को बुलाकर सर्व समाज के साथ बैठकर कोई बड़ा फैसला लेने की संभावना नजर आ रही है। इसलिए इस वक्त समाज के लोग भायल के साथ प्रचार में जाने से साफ मना कर रहे हैं।
वहीं, विधायक भायल के अस्सिटेंट कोजराज सिंह से उन्हीं के समाज के लोग नाराज हैं। पिछली बार भी जनता ने वोट इस सर्त पर दिए थे कि इनको साथ नहीं रखोगे, लेकिन वर्तमान ने जनता की एक नहीं सुनी।
काठाड़ी पर जनता का भरोसा
इसको लेकर सिवाना की जनता गंगासिंह काठाड़ी को भाजपा से उम्मीदवार बनने के लिए दबाव बना रही है। काठाड़ी ने भी जनता की भावनाओं को देखते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने पर विचार शुरू कर दिया है।
काठाड़ी ने कहा कि वे बाबा रामदेव रूणिचे वाले के परम भक्त हैं और सर्व समाज के आदेशानुसार जनता सेवा के लिए हमेशा तैयार मिलेंगे। उनके पास राष्ट्रीय पार्टीयो व राज्य दलो सभी के फोन आ चुके हैं, लेकिन वे किसी दल में शामिल नहीं होंगे। एक दो दिन बाद नवंबर के शुरुआती सप्ताह में वे निर्दलीय उम्मीदवार पर अपनी बात स्पष्ट करेंगे।
काठाड़ी के निर्दलीय चुनाव से बदलाव की उम्मीद
सूत्रों के अनुसार, अगर काठाड़ी निर्दलीय ताल ठोकते हैं तो सिवाना विधानसभा चुनाव 2023 का परिणाम टिकम चंद कान्त वाले निर्दलीय चुनाव की तरह होने की संभावना है। कान्त के निर्दलीय उम्मीदवार के समय का माहौल फिर से देखने को मिल सकता है।
काठाड़ी के प्रति समर्पित भाव व उनकी बेदाग छवि होने के कारण सिवाना की जनता चाहती है कि वे किसी दल में न जाकर निर्दलीय चुनाव लड़ें। जनता का कहना है कि काठाड़ी के नेतृत्व में सिवाना विधानसभा क्षेत्र का विकास होगा और क्षेत्र की जनता को एक बेहतर भविष्य मिलेगा।
विस्तारित समाचार
सिवाना विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के अंदर बगावत के स्वर मुखर होने के बाद गंगासिंह काठाड़ी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने पर विचार शुरू कर दिया है। काठाड़ी के निर्दलीय चुनाव लड़ने से सिवाना विधानसभा चुनाव में बड़ा उलटफेर होने की संभावना है।
काठाड़ी सिवाना विधानसभा क्षेत्र के एक लोकप्रिय नेता हैं। वे भाजपा के टिकट पर 2018 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे। इस बार भी वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, लेकिन पार्टी ने हमीरसिंह भायल को टिकट दिया।
काठाड़ी के निर्दलीय चुनाव लड़ने के पीछे कारण
काठाड़ी के निर्दलीय चुनाव लड़ने के पीछे कई कारण हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
- हमीरसिंह भायल के खिलाफ जनता में नाराजगी
- भाजपा के अंदर भ्रष्टाचार का आरोप
- गंगासिंह काठाड़ी की लोकप्रियता
काठाड़ी के निर्दलीय चुनाव लड़ने से होने वाले प्रभाव
काठाड़ी के निर्दलीय चुनाव लड़ने से सिवाना विधानसभा चुनाव में बड़ा उलटफेर होने की संभावना है। काठाड़ी की जीत से भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है। इसके अलावा, काठाड़ी के निर्दलीय चुनाव लड़ने से सिवाना विधानसभा क्षेत्र में एक नए राजनीतिक समीकरण की शुरुआत हो सकती है।