25 साल का रिकॉर्ड तोड़ने वाला मानसून अगस्त माह की शुरूआत के साथ ही जनता से रूठा हुआ है। एक माह बीत गया है, लेकिन मानसून सक्रिय नहीं हो रहा हैं।
बारिश के अभाव में फसलें खराब हो रही हैं। जून-जुलाई में रिकॉर्ड तोड़ बारिश के बाद किसानों ने 15 लाख हेक्टेयर में बाजरा, ग्वार, मूंग, मोठ, तिल की बुआई कर दी। इसके बाद 27 जुलाई से मानसून कमजोर हो गया। इसके बाद आज दिन तक मानसून सक्रिय नहीं होने से बारिश ही नहीं हुई। ऐसे में अब एक माह से ज्यादा समय से खेतों में बिन पानी खड़ी फसलें जलने लगी हैं। बारिश के अभाव में किसानों की चिंता बढ़ रही है। इधर मौसम विभाग की मानें तो अगले एक-डेढ़ सप्ताह तक बारिश की संभावना नहीं है।
अगस्त में बारिश के ऐसे हालात कई दशकों बाद पहली बार रहे हैं, जिसमें पूरी तरह से सूखा पड़ा है। 15 अगस्त तक बुआई का लक्ष्य रहता है, लेकिन इस बार समय से पहले 18 जून को ही बारिश हो गई। ऐसे में जून और जुलाई में ही किसानों ने बुआई का 15 लाख हेक्टेयर लक्ष्य पूरा कर लिया। 26 जुलाई तक बाड़मेर में 443 एमएम बारिश हुई, जो औसत से कहीं ज्यादा है। औसत बारिश का आंकड़ा 324 एमएम है। अब फसलों को पानी की जरूरत है। इस बीच बारिश के अभाव में चिंतित किसान फसल को जिंदा रखने के लिए ट्यूबवैल से पानी दे रहे हैं। ऐसे में बिजली की भी डिमांड बढ़ गई है।